सर्वेषां मङ्गलम भवतु
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु – सर्वेषां शान्तिर्भवतु
सर्वेषां पूर्णं भवतु – सर्वेषां मङ्गलम भवतु
(वृहदारण्यक उपनिषद )
अर्थात :
सबका भला हो – सब स्वस्थ एवं निरोग रहें
सबके जीवन में और मन में शांति हो
सभी पूर्णता को प्राप्त करें – अर्थात जो भी कार्य करें उसमे सफल हों
सब का मंगल हो – सब का जीवन आनंद मंगल एवं शांति से परिपूर्ण हो